सहानुभूति के साथ
एक किसान पास के शराबखाने में बैठा शराब पिए जा रहा था। एक व्यक्ति उसके पास आया और उसने पूछा‚ "अरे भाई‚ इतने सुहावने दिन तुम यहां बैठे शराब क्यों पी रहे हो?" किसान उदासी से बोला : मेरे भाई कुछ बातें ऐसी होती हैं जो समझायी नहीं जा सकतीं। व्यक्ति पूछा : ऐसी भी क्या बात हो गयी भाई ? किसान बोला : असल में आज मैं अपनी भैंस के पास बैठ कर दूध दुह रहा था। बाल्टी भरने ही वाली थी कि भैंस ने अपनी बायीं टांग उठायी और बाल्टी में मार दी। व्यक्ति बोला : यह कोई एेसी बहुत बुरी बात तो नहीं है जिसके लिए शराब पी जाये । किसान फिर बोला : कुछ बातें ऐसी होती हैं जो समझायी नहीं जा सकतीं। व्यक्ति ने फिर पूछा : तो फिर क्या हुआ ? किसान बोला : मैंने उसकी बायीं टांग पकड़ी और बायें खंबे से बांध दी। व्यक्ति पूछा : अच्छा फिर ? किसान : फिर में बैठ कर दुबारा उसे दुहने लगा।जैसे ही मेरी बाल्टी भरने वाली थी कि भैंस ने अपनी दायीं टांग उठायी और बाल्टी में मार दी। व्यक्ति : फिर से? किसान बोला : हाँ मेरे भाई फिर से वही तो कह रहा हूँ कि कुछ बातें ऐसी होती हैं जो समझायी नहीं जा सकतीं। व्यक्ति बोला : अच्छा फिर तुमने क्या ...